सोमवार, 2 मई 2011

मयखाना :)

कुछ बहकने को मैखाना बेकरार था,
कुछ एहसासों में मेरे तेरा ही खुमार था
आज मैखाने में मेरे प्यार का पयमाना तुझ
पर छलकने को जवान था,
आज पी कर एहसास हुआ क्यूँ इस मदहोश दिल में तेरा ही अरमान था!!: ): )

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