कुछ यूँ.......
वो जाते हुए तेरा धीरे से मुस्कुरा देना,
मुड़-मुड़ कर मुझे देखना और मेरा शर्मा जाना,
वो हर आते तेरे क़दमों पे मेरे दिल का मचल जाना,
तेरे आने पे थाम कर बैठना उन कमज़ोर पड़ती धडकनों को,
गुनगुनाता है अब हर लम्हा तेरे ही इश्क के एहसासों की नज़्म,
ज़िन्दगी खिलती है कुछ यूँ जैसे मनाती हो हर पल हम पर तेरे ऐतबार का जश्न!!!