janaaza....
जनाज़ा....
परवान चढ़ा कर इस प्यार को,
यूँ बदल जायेगा तू
शायद ये मुझे मंजूर न था
कल अगर दिख जाये कहीं जनाज़ा हमारा.
तो ये मत कहना ये कसूर न था तुम्हारा!!:(
जनाज़ा....
परवान चढ़ा कर इस प्यार को,
यूँ बदल जायेगा तू
शायद ये मुझे मंजूर न था
कल अगर दिख जाये कहीं जनाज़ा हमारा.
तो ये मत कहना ये कसूर न था तुम्हारा!!:(