नश्तरे एहसास.....
शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011
दर्द का सिला
पलछिन होती हैं ये यादें
जैसे कोई जुगनू,
आती और जाती हैं ये
जैसे कोई खुशबु,
न करना इन पर भरोसा कभी
सिर्फ दर्द का सिला हैं ये क्यूंकि
तेरे टूटे दिल के किसी टुकड़े का गिला हैं ये!!!:(
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